thursday, july 23, 2009
tammanaa!!
चाँद को पाना चाहा,
तो क्या बुरा चाहा,
क्या गुनाह किया,
जो सबने इल्जाम दिया,
वो माना किसी और का था,
मगर हमने तमना की तो क्या गुनाह कीया,
जो दिल को भाया उसे प्यार कीया ,
तो दुनिया नें रुसवा कीया,
चाँद तो सबका हें येही सोचा कीया,
आज भी वही हें जहाँ सें शुरू कियां!!
@@daisy aggarwal@@
तो क्या बुरा चाहा,
क्या गुनाह किया,
जो सबने इल्जाम दिया,
वो माना किसी और का था,
मगर हमने तमना की तो क्या गुनाह कीया,
जो दिल को भाया उसे प्यार कीया ,
तो दुनिया नें रुसवा कीया,
चाँद तो सबका हें येही सोचा कीया,
आज भी वही हें जहाँ सें शुरू कियां!!
@@daisy aggarwal@@
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