अपनी दोस्त को समर्पित...................
हर पल हैं भारीं
हर पल हैं एक सजा
कैसे जियुएंगी अब
तुम्हरे बिना..........
तुम्हरे साथ बिताया एक पल
दिल की तिजूरी में हैं बाँध:
भोलोंगी गी तभी तुमहे
जब आंखे होंगी बंध..........................
अब मिली हों तुम
तुम्हारी daisy
No comments:
Post a Comment