Monday, May 24, 2010

sunday, april 12, 2009

अपनी दोस्त को समर्पित...................
हर पल हैं भारीं
हर पल हैं एक सजा
कैसे जियुएंगी अब

तुम्हरे बिना..........
तुम्हरे साथ बिताया एक पल
दिल की तिजूरी में हैं बाँध:
भोलोंगी गी तभी तुमहे
जब आंखे होंगी बंध..........................
अब मिली हों तुम
तुम्हारी daisy

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