Tuesday, May 25, 2010

friday, april 17, 2009

तन्हाई.............................

जब मिले वो और में,
तो हुआ एक का अंत,
खुशियों का या ,
तनहाइयों का!!
हम फ़िर भी एक हों गये.....
जो आग भुज गईं थी कब से,
वो फ़िर सुलग गईं,
कब शोला बन गईं,
नही हैं ख़बर!!
जिन्दगी का क्या होंगा ,
कुछ नही ख़बर,
बस इतना पता हैं!!
जब मिले वो और में !
तो एक का अंत हुआ!!
DAISY KI SOCH;;;;;;;

दिल से!!!!!!!!!

उनेह्य यह शिकायत हैं हमसे की,
हम हर किसी को देख कर मुस्कराते हैं!
नादाँ हैं वो क्या जाने की ,,,,
हमे तो हर चेहरे में वो ही नजर आते हैं!!!!
daisy aggarwal!!!

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