Tuesday, May 25, 2010

sunday, june 14, 2009

ek sawal////////////////////////


मैं दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर...........
इस एक पल जिन्दगी मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
मैं फिर दो कदम चलता और एक पल को रुकता और....
जिन्दगी फिर मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
युँ ही जिन्दगी को जीतता देख मैं मुस्कुराता और....
जिन्दगी मेरी मुस्कुराहट पर हैंरान होती ।
ये सिलसिला यहीं चलता रहता.....
फिर एक दिन मुझे हंसता देख एक सितारे ने पुछा..........
" तुम हार कर भी मुस्कुराते हो ! क्या तुम्हें दुख नहीं होता
मेने सितारों से कहा ..
की जिन्दगी आगे चलती है ..
और उसे पकड़ने की दौड़ में ..
मै भी तो चलती रहेती हु ना..
ये कम है क्या जिन्दगी के लिए..
की मै भी रहेती हु चलती मेरी जिन्दगी के साथ..!!
!!DAISY AGGARWAL!

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