राहों में,
उनका था, हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
friday, april 24, 2009
उनकी यद् आईं!!
कोई बात नही तुम भी ॥
बदल गये तो क्या हुआ!
हमे तो जमाने ने येही॥
सिला दिया हें मोहबत का!
मगर इस जनम तो क्या॥
१०० जनम तक पीछा !
न छोडेंगे सनम!!!!
daisy aggarwal
बदल गये तो क्या हुआ!
हमे तो जमाने ने येही॥
सिला दिया हें मोहबत का!
मगर इस जनम तो क्या॥
१०० जनम तक पीछा !
न छोडेंगे सनम!!!!
daisy aggarwal
आशा!!!
कभी जब dhoop राहों में॥
किसी का तन जलाती हें!
इशारो से उसे हर ॥
पेर की टहनी बुलाती हें!
जब किसी की जन जाती हें॥
प्यास के मारे!
तब उसे सागर नही॥
नदी पानी पिलाती हें!!!!
!!daisy aggarwal!
किसी का तन जलाती हें!
इशारो से उसे हर ॥
पेर की टहनी बुलाती हें!
जब किसी की जन जाती हें॥
प्यास के मारे!
तब उसे सागर नही॥
नदी पानी पिलाती हें!!!!
!!daisy aggarwal!
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
No comments:
Post a Comment