saturday, september 5, 2009
streat light ki ladki@@@
नफरत ही करते हें सब
कुर्बानी उसकी भूल जाते हें
रात कें अंधेरे में आने वाले
दिन में राहनुमा कहलाते हें
रात का सफ़र उनके साथ गुजरते हें
सुबहे नुक्कड़ या सभा में उसे
संसकिरिति का दाग बताते हें
उसका दर्द और दिल किसने देखा
वो तो अपनी जिन्दगी इसी तलाश
में गुजार देती हें
कोई तो सच्चा इन्सान होता
जो उसका होता!!!
**daisy aggarwal*
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