अस्तित्व$$$
एक पत्थर जो पड़ा था रास्ते पर,
देखता था आने जाने वालो को,
न कोई सवाल ,
न कोई जवाब,
बस सड़क का कोना और वोएक दुसरे कें साथी!
एक सुबह -सामने बनती विशाल ईमारत को देख कर सड़क बोली
में तो बंधी होन यह,
पर तो किस्लियें पड़ा हैं
यहाँजा किसी ईमारत की शान
बड़ाकिसी बगीचे में सज जा!!
वो बोला नहीं यहीं ठेक
होन शायद किसी की नजर पडे मुझ
परऔर वो खुद को मुझ सें जोड़े
और सोचे ईस ,
पत्थर को देखो,
कितनी थपेडे ,
कितनी ठोकरखा कर भी,
अपने रूप में पड़ा हैं,
अपने अस्तित्वे कें साथ,
हमे भी लड़ना हैं,जमाने सें,अपने गम से,
मगर अपने अस्तितेव कें साथ!!!
**daisy aggarwal**
Tuesday, May 25, 2010
saturday, september 5, 2009
streat light ki ladki@@@
नफरत ही करते हें सब
कुर्बानी उसकी भूल जाते हें
रात कें अंधेरे में आने वाले
दिन में राहनुमा कहलाते हें
रात का सफ़र उनके साथ गुजरते हें
सुबहे नुक्कड़ या सभा में उसे
संसकिरिति का दाग बताते हें
उसका दर्द और दिल किसने देखा
वो तो अपनी जिन्दगी इसी तलाश
में गुजार देती हें
कोई तो सच्चा इन्सान होता
जो उसका होता!!!
**daisy aggarwal*
streat light ki ladki@@@
नफरत ही करते हें सब
कुर्बानी उसकी भूल जाते हें
रात कें अंधेरे में आने वाले
दिन में राहनुमा कहलाते हें
रात का सफ़र उनके साथ गुजरते हें
सुबहे नुक्कड़ या सभा में उसे
संसकिरिति का दाग बताते हें
उसका दर्द और दिल किसने देखा
वो तो अपनी जिन्दगी इसी तलाश
में गुजार देती हें
कोई तो सच्चा इन्सान होता
जो उसका होता!!!
**daisy aggarwal*
wednesday, august 5, 2009
AJANABI>><<
ek din ek ajnabi sein mulakat huin.
fir apney ekeley pan sein mulakat huin,
tab lga ki mein kitni ekeli hon.
fir achanak lga ki hum kitney adhoorey hein.
to wo ajnabi apna sa laga ekdam,
ussey mulakatey huney lagi hardam,
kyaloo or khwaboo mein rha hardam,
mein uski or mera hon gaya hamdam,
jindgi hasin lagney lagi ekdam,
magar wwo bhi nikla beraham,
humko chalta rha pal pal,
dikha kar tajmahal humey,
khoob looteta rha humey,
hum bhi khuda ki marji man kar lootetey rhey
aaj fir tanha hein ,
koi apney ki talash hein,
jo khabi poori nahi honi hein!!
@@daisy aggarwal@@
fir apney ekeley pan sein mulakat huin,
tab lga ki mein kitni ekeli hon.
fir achanak lga ki hum kitney adhoorey hein.
to wo ajnabi apna sa laga ekdam,
ussey mulakatey huney lagi hardam,
kyaloo or khwaboo mein rha hardam,
mein uski or mera hon gaya hamdam,
jindgi hasin lagney lagi ekdam,
magar wwo bhi nikla beraham,
humko chalta rha pal pal,
dikha kar tajmahal humey,
khoob looteta rha humey,
hum bhi khuda ki marji man kar lootetey rhey
aaj fir tanha hein ,
koi apney ki talash hein,
jo khabi poori nahi honi hein!!
@@daisy aggarwal@@
saturday, july 25, 2009
kya bat hein$%
हर रोज किताब का पन्ना पलट कर सोचती हों ,
काश ऐसे ही पलट जाएँ हमारी जिन्दगी!
खयालो में जो मिलते हें रोज,
अचानक सामने आ जाएँ तो क्या बात हें!
हर शख्स अपनी बारे में सोचता हें हर रोज,
दोस्तों कें बारे में सोचे तो क्या बात हें!
माँ बाप जीतें हें हमारे लियें हर रोज,
हम उन कें लियें जियें तो क्या बात हें!
हम तो सबको चाहतें हें सबको हर रोज,
कोई हमें दिल सें चाहें तो क्या बात हें!!
@@daisy aggarwal@@
काश ऐसे ही पलट जाएँ हमारी जिन्दगी!
खयालो में जो मिलते हें रोज,
अचानक सामने आ जाएँ तो क्या बात हें!
हर शख्स अपनी बारे में सोचता हें हर रोज,
दोस्तों कें बारे में सोचे तो क्या बात हें!
माँ बाप जीतें हें हमारे लियें हर रोज,
हम उन कें लियें जियें तो क्या बात हें!
हम तो सबको चाहतें हें सबको हर रोज,
कोई हमें दिल सें चाहें तो क्या बात हें!!
@@daisy aggarwal@@
thursday, july 23, 2009
tammanaa!!
चाँद को पाना चाहा,
तो क्या बुरा चाहा,
क्या गुनाह किया,
जो सबने इल्जाम दिया,
वो माना किसी और का था,
मगर हमने तमना की तो क्या गुनाह कीया,
जो दिल को भाया उसे प्यार कीया ,
तो दुनिया नें रुसवा कीया,
चाँद तो सबका हें येही सोचा कीया,
आज भी वही हें जहाँ सें शुरू कियां!!
@@daisy aggarwal@@
तो क्या बुरा चाहा,
क्या गुनाह किया,
जो सबने इल्जाम दिया,
वो माना किसी और का था,
मगर हमने तमना की तो क्या गुनाह कीया,
जो दिल को भाया उसे प्यार कीया ,
तो दुनिया नें रुसवा कीया,
चाँद तो सबका हें येही सोचा कीया,
आज भी वही हें जहाँ सें शुरू कियां!!
@@daisy aggarwal@@
saturday, june 27, 2009
KITAB KA SUKHA PATTA$$$$$
ek bichda huna pta bola kitab sey;
tum mujhey rakh kar kuen khush hon;
mein to ek toota hua tukda hon ;
ek toontey hoyen dil ka;
jo kabhi pyar sey ;
sahlaya gya thaa;
chuma gaya thaa;
fir diya gaya thaa;
aapni chahat ko;
jisey fir sey ;
choma or dil sey lagaya gya thaa;
aab na wo hein na wo;
khoo gya;;
sab kuch mera wajood bhi ;
issey acha to ped sey tapak ;
kar ud jata kisi or desh ;
jhan shayad pyar karney;
waley ek dusrey ko kabhi khootey na!!!
@@daisy aggarwal@@
सुखी दांपत्य का सार......
येही ही इस दुनिया का भयंकर सच लगता हैं!
दोस्त वरना ये दुनिया का मंजर कुछ ओर न लगता!!
यह दोलत की चाह हमे भटका रही लगता हैं!
येही नजरिया अ़ब सही लगता हैं!!
हम औरतो की ख़ुशी और घर की शांति इसी में लगती हैं!!!!
यह छोटा सा सच ही सुखी दाम्पत्य जीवन का सर लगता हैं!!!!!!
@@daisy aggarwal@@
येही ही इस दुनिया का भयंकर सच लगता हैं!
दोस्त वरना ये दुनिया का मंजर कुछ ओर न लगता!!
यह दोलत की चाह हमे भटका रही लगता हैं!
येही नजरिया अ़ब सही लगता हैं!!
हम औरतो की ख़ुशी और घर की शांति इसी में लगती हैं!!!!
यह छोटा सा सच ही सुखी दाम्पत्य जीवन का सर लगता हैं!!!!!!
@@daisy aggarwal@@
thursday, june 18, 2009
sabak ek dost ka@@@
ऐसे तलाशने से कुछ नहीं मिलता हैं!
इस हसरत से दिल का दर्द मिलता हैं!
इस दर्द भरी दुनिया में बस इंतजार ही मिलता हैं!
किस लियें उलझते हों जमाने से !
यहाँ हर कोई बहरा ही मिलता हैं!
क्या हम सफ़र, क्या दोस्त, क्या हमराज!
सब आपने सफ़र का सोचते मिलते हैं!!!
@@daisy aggarwa@@
इस हसरत से दिल का दर्द मिलता हैं!
इस दर्द भरी दुनिया में बस इंतजार ही मिलता हैं!
किस लियें उलझते हों जमाने से !
यहाँ हर कोई बहरा ही मिलता हैं!
क्या हम सफ़र, क्या दोस्त, क्या हमराज!
सब आपने सफ़र का सोचते मिलते हैं!!!
@@daisy aggarwa@@
sunday, june 14, 2009
ek sawal////////////////////////
मैं दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर...........
इस एक पल जिन्दगी मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
मैं फिर दो कदम चलता और एक पल को रुकता और....
जिन्दगी फिर मुझसे चार कदम आगे बढ जाती ।
युँ ही जिन्दगी को जीतता देख मैं मुस्कुराता और....
जिन्दगी मेरी मुस्कुराहट पर हैंरान होती ।
ये सिलसिला यहीं चलता रहता.....
फिर एक दिन मुझे हंसता देख एक सितारे ने पुछा..........
" तुम हार कर भी मुस्कुराते हो ! क्या तुम्हें दुख नहीं होता
मेने सितारों से कहा ..
की जिन्दगी आगे चलती है ..
और उसे पकड़ने की दौड़ में ..
मै भी तो चलती रहेती हु ना..
ये कम है क्या जिन्दगी के लिए..
की मै भी रहेती हु चलती मेरी जिन्दगी के साथ..!!
!!DAISY AGGARWAL!
monday, june 8, 2009
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,
@@@daisy aggarwal@
saturday, june 6, 2009
khushi;;;;;;;;;;;;;;;;
ख़ुशी एक छोटा सा शब्द,,,
जो कर जाता हैं निशब्द ,,,,,,
जिसे पाना शायद बहुत कठिन ,,,
सची ख़ुशी वाकेही हैं कठिन,,,,,
नारी जनम भी हैं ख़ुशी!
दुनिया में जीना भी हैं ख़ुशी!
जिन्दगी संभालना bhi हैं ख़ुशी!!
एक नया जनम देना भी हैं ख़ुशी!
फिर उस को बदते देखना भी हैं ख़ुशी!
मगर मेरे दोस्त वो ख़ुशी खान हैं जो !
हमे और तुम्हे सोकूं डे सके !!
खुल कर हंसा सके!!!!
येही तो जिन्दगी की तलाश हैं ख़ुशी!!!
जो कर जाता हैं निशब्द ,,,,,,
जिसे पाना शायद बहुत कठिन ,,,
सची ख़ुशी वाकेही हैं कठिन,,,,,
नारी जनम भी हैं ख़ुशी!
दुनिया में जीना भी हैं ख़ुशी!
जिन्दगी संभालना bhi हैं ख़ुशी!!
एक नया जनम देना भी हैं ख़ुशी!
फिर उस को बदते देखना भी हैं ख़ुशी!
मगर मेरे दोस्त वो ख़ुशी खान हैं जो !
हमे और तुम्हे सोकूं डे सके !!
खुल कर हंसा सके!!!!
येही तो जिन्दगी की तलाश हैं ख़ुशी!!!
@@@daisy aggarwal@@@
sunday, may 24, 2009
bheed
un kafiloo ka kya karey;;;;
jo dhool chod jatey hein;;;;
jyada tar aisi yad chood jatey;;;;;
hein ki andhrey mein hum bhatak jatey hein!!
@@DAISY AGGARWAL@@
jo dhool chod jatey hein;;;;
jyada tar aisi yad chood jatey;;;;;
hein ki andhrey mein hum bhatak jatey hein!!
@@DAISY AGGARWAL@@
dost;;;;;;;;;;;;;;;;;;
दूरियों से फर्क पड़ता nahi!
bat तो दिलों कि नज़दीकियों से होती hein!!
dosti तो कुछ आप जैसो से hein!
varna मुलाकात तो जाने कितनों से होती है!!
!!daisy aggarwal!!
bat तो दिलों कि नज़दीकियों से होती hein!!
dosti तो कुछ आप जैसो से hein!
varna मुलाकात तो जाने कितनों से होती है!!
!!daisy aggarwal!!
Ek phool ki pankhdi si,
Jhumti thi idhar udhar,
Ek komal koyal si,
chekti thi din bhar.
Ma ki ladli...Baap ki dulari,
Pali thi pholon ke palne mein,
Ek pyari si rajkumari,
Udna chahti thi khule akash mein,
Rehti thi sada doobi Ek phool ki pankhdi si,
Jhumti thi idhar udhar,
Ek komal koyal si,
chekti thi din bhar.
Ma ki ladli...Baap ki dulari,
Pali thi pholon ke palne mein,
Ek pyari si rajkumari,
Udna chahti thi khule akash mein,
Rehti thi sada doobi apne hi khayalon mein,
Dhundne chali ek din apne sapno ki rah,
Vahan uska samna hua kai kanto or foolo sey!!
jo shayad kai bar usey roola dengey,
magar DAISY with u darling,
so dont worry DAISY is a white ,flower without any kanta!!!!!
@@@daisy aggarwal@@@ hi khayalon mein,
Dhundne chali ek din apne sapno ki rah,
Vahan uska samna hua kai kanto or foolo sey!!
jo shayad kai bar usey roola dengey,
magar DAISY with u darling,
so dont worry DAISY is a white ,flower without any kanta!!!!!
@@@daisy aggarwal@@@
Jhumti thi idhar udhar,
Ek komal koyal si,
chekti thi din bhar.
Ma ki ladli...Baap ki dulari,
Pali thi pholon ke palne mein,
Ek pyari si rajkumari,
Udna chahti thi khule akash mein,
Rehti thi sada doobi Ek phool ki pankhdi si,
Jhumti thi idhar udhar,
Ek komal koyal si,
chekti thi din bhar.
Ma ki ladli...Baap ki dulari,
Pali thi pholon ke palne mein,
Ek pyari si rajkumari,
Udna chahti thi khule akash mein,
Rehti thi sada doobi apne hi khayalon mein,
Dhundne chali ek din apne sapno ki rah,
Vahan uska samna hua kai kanto or foolo sey!!
jo shayad kai bar usey roola dengey,
magar DAISY with u darling,
so dont worry DAISY is a white ,flower without any kanta!!!!!
@@@daisy aggarwal@@@ hi khayalon mein,
Dhundne chali ek din apne sapno ki rah,
Vahan uska samna hua kai kanto or foolo sey!!
jo shayad kai bar usey roola dengey,
magar DAISY with u darling,
so dont worry DAISY is a white ,flower without any kanta!!!!!
@@@daisy aggarwal@@@
tuesday, may 5, 2009
mohabat;;;;;;;;;;;;;;;;
लोग मोहबत को खुदा का नाम देते हें,
कोई करता हें तो इल्जाम देते हें,,
कहते हें पत्थर दिल रोया नही करते,
पत्थर के रोने को झरने का नाम दिया करते हें,,
फ़िर भी हम तुम यह गुनाह किया करते हें,
और जमाने को नजर अंदाज किया करते हें,,
और इसी दम पर आहें भर्ती हें,
की प्यार का झरना तो हमारे दिल ,,
में ही बहता हें!!
@@daisy aggarwal@@
कोई करता हें तो इल्जाम देते हें,,
कहते हें पत्थर दिल रोया नही करते,
पत्थर के रोने को झरने का नाम दिया करते हें,,
फ़िर भी हम तुम यह गुनाह किया करते हें,
और जमाने को नजर अंदाज किया करते हें,,
और इसी दम पर आहें भर्ती हें,
की प्यार का झरना तो हमारे दिल ,,
में ही बहता हें!!
@@daisy aggarwal@@
hursday, april 30, 2009
बेटियाँ...............
रेत के समन्दर सी है यह ज़िन्दगी,तूफ़ां अगर आ जाए बिखर जाए ज़िन्दगी।आंसूओं के झरने ने समंदर बना दियासागर किनारे प्यासी ही रह जाए ज़िन्दगी।जिन बेटियों को जन्म से पहले मिटा दिया,उन बेटियों को बार-बार लाए ज़िन्दगी।पैरों की धूल मानकर इनको न रौंदना,गिर जाए अगर आँख में रुलाए ज़िन्दगी।चाहे बना लो रेत के कितने घरौंदे तुम,वक़्त के उबाल में ढ़ह जाए ज़िन्दगी।जिसका वजूद रेत
के तले दबा दिया,उसको ही चट्टान बनाए यह ज़िन्दगी।
इस दुनिया का सच;;;;;;;;;;;;;;
के तले दबा दिया,उसको ही चट्टान बनाए यह ज़िन्दगी।
इस दुनिया का सच;;;;;;;;;;;;;;
meeeeeeeeeeeeee
वो कहते की भूलना मत....भूलते तो वो जो आपने आप में हों!हम तो न जाने किन हालातों...सें गुजर रहे हैं!!हमे होश नहीं आपना....उनका ख्याल क्या रखेंगे!!!!!!!!(red)daisy aggarwal!!!!!
वो कहते की भूलना मत.....
भूलते तो वो जो ,,
आपने आप् में हों!
हम तो न जाने ,,
किन हालातो !!
से गुजर रहे हें!!
हमे होंश नही आपना,,.....
उनका का ख्याल रखेंगे!!!!!
!!!!!DAISY AGGARWAL!!!!
वो कहते की भूलना मत.....
भूलते तो वो जो ,,
आपने आप् में हों!
हम तो न जाने ,,
किन हालातो !!
से गुजर रहे हें!!
हमे होंश नही आपना,,.....
उनका का ख्याल रखेंगे!!!!!
!!!!!DAISY AGGARWAL!!!!
हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था, हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
राहों में,
उनका था, हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,हम तो खडे थे ,
राहों में,
उनका था,
इंतजार पर ,
वो तो सामने से,
हाथ हिला कर निकल गये!!
येही तो हमारी ,
friday, april 24, 2009
उनकी यद् आईं!!
कोई बात नही तुम भी ॥
बदल गये तो क्या हुआ!
हमे तो जमाने ने येही॥
सिला दिया हें मोहबत का!
मगर इस जनम तो क्या॥
१०० जनम तक पीछा !
न छोडेंगे सनम!!!!
daisy aggarwal
बदल गये तो क्या हुआ!
हमे तो जमाने ने येही॥
सिला दिया हें मोहबत का!
मगर इस जनम तो क्या॥
१०० जनम तक पीछा !
न छोडेंगे सनम!!!!
daisy aggarwal
आशा!!!
कभी जब dhoop राहों में॥
किसी का तन जलाती हें!
इशारो से उसे हर ॥
पेर की टहनी बुलाती हें!
जब किसी की जन जाती हें॥
प्यास के मारे!
तब उसे सागर नही॥
नदी पानी पिलाती हें!!!!
!!daisy aggarwal!
किसी का तन जलाती हें!
इशारो से उसे हर ॥
पेर की टहनी बुलाती हें!
जब किसी की जन जाती हें॥
प्यास के मारे!
तब उसे सागर नही॥
नदी पानी पिलाती हें!!!!
!!daisy aggarwal!
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
नियति हैं,
जिन्हे अपना समज,
मुस्कोराएँ वो,
किसी और को अपना बना,
कर चल दिये
daisy aggarwal..
friday, april 17, 2009
तन्हाई.............................
जब मिले वो और में,
तो हुआ एक का अंत,
खुशियों का या ,
तनहाइयों का!!
हम फ़िर भी एक हों गये.....
जो आग भुज गईं थी कब से,
वो फ़िर सुलग गईं,
कब शोला बन गईं,
नही हैं ख़बर!!
जिन्दगी का क्या होंगा ,
कुछ नही ख़बर,
बस इतना पता हैं!!
जब मिले वो और में !
तो एक का अंत हुआ!!
DAISY KI SOCH;;;;;;;
तो हुआ एक का अंत,
खुशियों का या ,
तनहाइयों का!!
हम फ़िर भी एक हों गये.....
जो आग भुज गईं थी कब से,
वो फ़िर सुलग गईं,
कब शोला बन गईं,
नही हैं ख़बर!!
जिन्दगी का क्या होंगा ,
कुछ नही ख़बर,
बस इतना पता हैं!!
जब मिले वो और में !
तो एक का अंत हुआ!!
DAISY KI SOCH;;;;;;;
दिल से!!!!!!!!!
उनेह्य यह शिकायत हैं हमसे की,
हम हर किसी को देख कर मुस्कराते हैं!
नादाँ हैं वो क्या जाने की ,,,,
हमे तो हर चेहरे में वो ही नजर आते हैं!!!!
daisy aggarwal!!!
हम हर किसी को देख कर मुस्कराते हैं!
नादाँ हैं वो क्या जाने की ,,,,
हमे तो हर चेहरे में वो ही नजर आते हैं!!!!
daisy aggarwal!!!
Monday, May 24, 2010
monday, april 13, 2009
EK BHARAM JO TONT GAYA!!
में एक पत्थर की चटान थी जिस पर हर रोज कोई न कोई आ कर बैठ था
में वही पड़ी पड़ी आने जानो वालो को देखती रहती !
तभी अचानक मेने ध्यान दिया की एक बहुत खुबसूरत सा चेहरा जो आंसू
में छुपा हैं आ करवही रूक गया...........
आब हमे रोज उसका इंतजार रहता
वो आतीं और उदास रहती ...........
अचानक एक दिन वो एक लड़की के
साथ आईँ jओ बहुत खुबसुरत था
वो आब बहुत खुश थी और अब हंसती रहती
हमे भी अच्हा लगता उसका खिलखिलाना
अब उसने आना बंद कर दिया
हमे लगा हमारी दुआएं काम
आ गईं मगर एक दिन बहुत
सालो बाद वो एक बहुत छोटे बचे के साथ
आईं मगर उदास सफ़ेद कपड़ो में
और चुप चाप
क्या येही जन्दगी हैं
तो हम तो पत्थर ही भले.........................
मेरे बहुत करीब हैं ये कहानी
DAISY D GR8!!!
में वही पड़ी पड़ी आने जानो वालो को देखती रहती !
तभी अचानक मेने ध्यान दिया की एक बहुत खुबसूरत सा चेहरा जो आंसू
में छुपा हैं आ करवही रूक गया...........
आब हमे रोज उसका इंतजार रहता
वो आतीं और उदास रहती ...........
अचानक एक दिन वो एक लड़की के
साथ आईँ jओ बहुत खुबसुरत था
वो आब बहुत खुश थी और अब हंसती रहती
हमे भी अच्हा लगता उसका खिलखिलाना
अब उसने आना बंद कर दिया
हमे लगा हमारी दुआएं काम
आ गईं मगर एक दिन बहुत
सालो बाद वो एक बहुत छोटे बचे के साथ
आईं मगर उदास सफ़ेद कपड़ो में
और चुप चाप
क्या येही जन्दगी हैं
तो हम तो पत्थर ही भले.........................
मेरे बहुत करीब हैं ये कहानी
DAISY D GR8!!!
मेरे दोस्त मेरी जान!!!!!!!!
में आपकी दोस्त यह मानती हों की दुनिया में सबसे कीमती रिश्ता दोस्ती का हैं.........................
यह न वक्त मांगता
यह न पकता
बस एक प्यार और जवाब मांगता हैं
और यह देना कोई मुश्किल नही
और में बहुत खुश नसीब हों
जो मुजेहे नेट के कारन कई
दोस्त मिले
और मेरी लाइफ को नया
मतलब मिला
पहले हम यह कहते ......
की दुनिया बनाने
वाले क्या तेरे दिल
मे आयीं कहे को
दुनिया बनाएँ.................
अब में कहती हूँ
भगवान् आपका
जवाब नही
मेरे कुछ दोस्त तो पहले से बहुत करीब हैं
अब कुछ नेट के कारन नये शामिल हैं
यह दुनिया कितनी खुशनूमा
हो गयीं क्या बताऊँ
मेरे दिल की आवाज हैं
भगवान्
इन सबको
मुझसे ज्यादा
खुशियाँ बख्शी
मेरी जिन्दगी में बहुत पहले आइन मेरी दोस्त
सीमा पेरीवाल
जो मेरी लाइफ लाइन हैं मुझे अपनी जिन्दगी पर
पर उतना विश्वास नही जितना उस पर हैं...............
फ़िर अचानक आयें
कपिल गुप्ता
मेरे सिस्टर के पति
उनसे मुझे ताकत मिली
आपना पण मिला
बहुत विश्वास करतीं हों उन पर...........
फ़िर आयें आप लोग
यानि मेरे नेट फ्रंड जो शायद अब मेरी आदत
बन गएँ हैं
नितिन
नीता
सुनीता अगरवाल
सुनीता सेठी
सारिका नारंग
खुशी
प्रिन्स
दीपक
शायद कोई दिन ऐसा नही होंगा जब हम लोग दिल से न मिलते हों
भगवान् हमारी दोस्ती इसी तरहे बनाएं रखे...............................
आपकी आपनी
सिर्फ़ आपकी..............
मेरे कुछ दोस्त तो पहले ही जिन्दगी के बहुत करीब हैं
अब कु
यह न वक्त मांगता
यह न पकता
बस एक प्यार और जवाब मांगता हैं
और यह देना कोई मुश्किल नही
और में बहुत खुश नसीब हों
जो मुजेहे नेट के कारन कई
दोस्त मिले
और मेरी लाइफ को नया
मतलब मिला
पहले हम यह कहते ......
की दुनिया बनाने
वाले क्या तेरे दिल
मे आयीं कहे को
दुनिया बनाएँ.................
अब में कहती हूँ
भगवान् आपका
जवाब नही
मेरे कुछ दोस्त तो पहले से बहुत करीब हैं
अब कुछ नेट के कारन नये शामिल हैं
यह दुनिया कितनी खुशनूमा
हो गयीं क्या बताऊँ
मेरे दिल की आवाज हैं
भगवान्
इन सबको
मुझसे ज्यादा
खुशियाँ बख्शी
मेरी जिन्दगी में बहुत पहले आइन मेरी दोस्त
सीमा पेरीवाल
जो मेरी लाइफ लाइन हैं मुझे अपनी जिन्दगी पर
पर उतना विश्वास नही जितना उस पर हैं...............
फ़िर अचानक आयें
कपिल गुप्ता
मेरे सिस्टर के पति
उनसे मुझे ताकत मिली
आपना पण मिला
बहुत विश्वास करतीं हों उन पर...........
फ़िर आयें आप लोग
यानि मेरे नेट फ्रंड जो शायद अब मेरी आदत
बन गएँ हैं
नितिन
नीता
सुनीता अगरवाल
सुनीता सेठी
सारिका नारंग
खुशी
प्रिन्स
दीपक
शायद कोई दिन ऐसा नही होंगा जब हम लोग दिल से न मिलते हों
भगवान् हमारी दोस्ती इसी तरहे बनाएं रखे...............................
आपकी आपनी
सिर्फ़ आपकी..............
मेरे कुछ दोस्त तो पहले ही जिन्दगी के बहुत करीब हैं
अब कु
saturday, april 11, 2009
मेरे माता और पिता.....
saturday, april 11, 2009
मेरे माता और पिता.....
में
आपकी आपनी
दोस्त
शायद यहाँ
न
होती
अगर यह दोनों न होते
उनोने मुझे जनम दे कर एक अहसान किया मुझ पर
की में इस हसीं दुनिया में आईं
मेरी माँ यानि मधु गुप्ता
एक उत्तम माँ,पत्नी,नानी,दोस्त,थी
बहुत जल्दी हमसे दूर चली गईं
और मेरे पिता अर्जुन देव गुप्ता
उनके बारे में तो कुछ भी लिखना
मेरी कलम की ताकत नही हैं
फ़िर भी
वो ही मेरे सुब कुछ हैं और रहंगे
एक डिफेन्स के आदमी
एक बहुत सॉफ्ट पापा
ऑफिस में एक कड़क ऑफिसर
प्यारे पति
बहुत प्यारे नाना
बहुत हेल्पिंग दोस्त
माँ बाप के शरवन
और क्या लिखो बस और शब्द नही हैं
उन दोनों
का गिफ्ट
हम तीन बहने
भगवान हर जनम में हमे यह माँ बाप मुझे दे ..................................
आपकी आपनी
दोस्त
शायद यहाँ
न
होती
अगर यह दोनों न होते
उनोने मुझे जनम दे कर एक अहसान किया मुझ पर
की में इस हसीं दुनिया में आईं
मेरी माँ यानि मधु गुप्ता
एक उत्तम माँ,पत्नी,नानी,दोस्त,थी
बहुत जल्दी हमसे दूर चली गईं
और मेरे पिता अर्जुन देव गुप्ता
उनके बारे में तो कुछ भी लिखना
मेरी कलम की ताकत नही हैं
फ़िर भी
वो ही मेरे सुब कुछ हैं और रहंगे
एक डिफेन्स के आदमी
एक बहुत सॉफ्ट पापा
ऑफिस में एक कड़क ऑफिसर
प्यारे पति
बहुत प्यारे नाना
बहुत हेल्पिंग दोस्त
माँ बाप के शरवन
और क्या लिखो बस और शब्द नही हैं
उन दोनों
का गिफ्ट
हम तीन बहने
भगवान हर जनम में हमे यह माँ बाप मुझे दे ..................................
एक डिफेन्स के आदमी
एक बहुत सॉफ्ट पापा
ऑफिस में एक कड़क ऑफिसर
प्यारे पति
बहुत प्यारे नाना
बहुत हेल्पिंग दोस्त
माँ बाप के शरवन
और क्या लिखो बस और शब्द नही हैं
उन दोनों
का गिफ्ट
हम तीन बहने
भगवान हर जनम में हमे यह माँ बाप मुझे दे ..................................
neeta....................????????????
meri ek saheli
jo hein badi elbeli
bahut masoom
magar hein
chulboli
jindgi ki paheli
lagti hein .............................
koi sabd nahi ..........................
magar suljana hein jarori
woh neeta hein albeli..............
jo hein badi elbeli
bahut masoom
magar hein
chulboli
jindgi ki paheli
lagti hein .............................
koi sabd nahi ..........................
magar suljana hein jarori
woh neeta hein albeli..............
wednesday, april 8, 2009
meri beti
- meri jindgi ka ek wo hissa jo humey kafi intjar key bad mila
8 oct.ki wo eve jab humey humari test report aain
jis report nein humey us jhan mein pahuncha diya jiski har mom kointjar rahta hein
my lov peehu{pavitra}
mere hus. ki ladli
nana ki lalpari
nani ki kuku
mosiyon ki jan
bhai bahno ki badi bahen
dil sein
kuch log jindgi mein u shamil hon jatey hein
ki unki ek ek bat or halat humarey hon jatey hein
fir unka roothna or naraj hona apna lagta hein
magar humey unka badla roop or batey roola deti hein
magar afsos kuen ,yeh to halat hein
jo shayad humari kismat or name sein joodey hein
**daisy aggarwal**
kuch log jindgi mein u shamil hon jatey hein
ki unki ek ek bat or halat humarey hon jatey hein
fir unka roothna or naraj hona apna lagta hein
magar humey unka badla roop or batey roola deti hein
magar afsos kuen ,yeh to halat hein
jo shayad humari kismat or name sein joodey hein
**daisy aggarwal**
ek icha...
riday, january 8, 2010
समुंदर की रेत और पानी सें पहचान हैं हमारी
उनसें रोज मिलना आदत हैं हमारी
उनसें बात करना और वक्त बिताना आदत हैं humari
रेत पे लिखना तो आदत है हमारी .
इसलिये तो सागर से दुश्मनी है हमारी .
चाहे वो लाख बार मिटाए नाम आपका.
फिर सें लिखना जिद और आदत हैं हमारी
और फिर आपको याद करना आदत हों गईं हमारी
पर आपको भुलाना तकदीर में नही हमारी
क्या करे हमसफ़र यह तो आदत हैं हमारी.
**daisy aggarwal**
समुंदर की रेत और पानी सें पहचान हैं हमारी
उनसें रोज मिलना आदत हैं हमारी
उनसें बात करना और वक्त बिताना आदत हैं humari
रेत पे लिखना तो आदत है हमारी .
इसलिये तो सागर से दुश्मनी है हमारी .
चाहे वो लाख बार मिटाए नाम आपका.
फिर सें लिखना जिद और आदत हैं हमारी
और फिर आपको याद करना आदत हों गईं हमारी
पर आपको भुलाना तकदीर में नही हमारी
क्या करे हमसफ़र यह तो आदत हैं हमारी.
**daisy aggarwal**
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