Tuesday, June 7, 2011

आज फिर जिन्दगी दगा दें गईं
कुछ तम्मना फिर अधूरी रहे गई
कुछ और ही सोचा था
जिन्दगी कहीं और लें गईं!!!

2 comments:

  1. बहुत खूब डेजी जी , आज ही आपका ब्लॉग देखा , दिल खुश हो गया , दिल से लिखी बाते पढ़ कर

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